Considerations To Know About Shiv Chalisa
Considerations To Know About Shiv Chalisa
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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
जय जय जय अनंत अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥
बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।
अर्थ- हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो।
शरच्चन्द्रगात्रं गुणानन्द पात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।
हरं सर्पहारं चिता भूविहारं भवं वेदसारं सदा निर्विकारम् ।
दुष्ट सकल नित मोहि check here सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
राम दूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
अर्थ- हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।